Monday, August 30, 2010

सुहानी भोर ................................




चित्र गूगल से साभार .....

फिर आया सावन,
हुई रिमझम बारिश,

था गाँव में जो तालाब,
पूरी हुई उसकी ख्वाहिश,

याद आया उसे अपना किनारा,
जहां बसा था एक घर प्यारा,

नजर जो घुमाई उस ओर,
बस दिखी थी एक आस की डोर,

बरसों पहले बसा करते थे जहां,
हंसों के जोड़े,

ले उड़े थे उन्हें,
इच्छाओं के घोड़े,

अब एक लंबी आह भरता है,
और ये आशा करता है,

हंसों के वे जोड़े,
वापस आयेंगे,

रिश्तों के टूटे मोती,
साथ लायेंगे,

गूथेंगे माला,
पह्नायेंगे दादी को,

सुनेंगे कहानी,
और याद करेंगे नानी को,

खेलेंगे खेल और,
सूने घर में भर देंगे शोर,

होगी एक दिन,
फिर वही सुहानी भोर .....................

Sunday, August 29, 2010

ऐ मेरे दोस्त ..............

आज ये कविता दोस्त को समर्पित ...
...
ऐ मेरे दोस्त ,क्यों होते निराश हो,


मेरे लिए तो तुम सबसे खास हो,


जगाओ अपनी आशा को,


और हटाओ निराशा को,


जियो--कि सब ऐसे ही जीते है,


हंसी के गिलास में गम पीते है,


जिंदगी से लड़ने वाले तुम अकेले नहीं हो,


खुशी मनाओ कि भीड़ में खड़े हो,


ठोकर जो लग गई --


तो चलना सीख जाओगे ,


और सांस जो रुक गई--


तो जीना सीख जाओगे .....

Friday, August 27, 2010

सीख.....फिर वही-- पर सौ आने सही --

आज फिर एक पुरानी पोस्ट जिसे किसी ने पढ़ा नहीं था ............


ऐसी कोई लाइने नही है मेरे पास,


जिनमे हो कुछ अलग,


 या कुछ खास,

पता नही लोग ऐसा क्या लिख देते है,

जिसे पढ़कर सब उन्हें कवि कह देते है,

आज तक नया कुछ नही पढने में आया है,

जो माता -पिता ने बताया -


वही सबने दोहराया है,

शायद इसलिए,


क्योकि जब वे कहते है,

तब समय रहते हम उन्हें नही सुनते है,

उनके "जाने" के बाद,


परिस्तिथियों से लड़कर ,

या डरकर ,


हम उन्हें याद करके,

अपना सिर धुनते है।

मैंने भी उन्हें सुना और उनसे सीखाहै,

और अपने अनुभवों को आधार बना कर फ़िर वही लिखा है ---


१.सदा सच बोलो।

२.सबका आदर करो।

३.बिना पूछे किसी की चीज को मत छुओ।

४.किसी को दुःख मत दो।

५.समय पर अपना काम करो।

६.रोज किसी एक व्यक्ति की मदद करो।

७.अपने हर अच्छे कार्य के लिए ईश्वर को धन्यवाद् दो और बुरे के लिए माफ़ी मांगो।

Wednesday, August 25, 2010

राखी


राखी पर्व पर विशेष...........................................................................................
......................................................................शुभकामनाए..........

,,,,,...........................()()().................................,,,,,

ईश्वर से सभी ब्लोगर बन्धुओं के सुखद भविष्य की कामना के साथ सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं....

ज एक कविता ---पुरानी (पिछले साल की पोस्ट)



राखी नहीं सिर्फ़ धागा या डोर ,
बंधता है इसमें एक छोर से दूसरा छोर ,
नहीं बन्धन ये सिर्फ़ कलाई का ,
इसमें छुपा है दर्द जुदाई का ,
मिलन की रहती सदा इसमे आस है ,
रिश्ता ये ऐसा जो हर दिल के पास है ,
निभा सके हम इसे जीवन भर ,
आओ संकल्प करें इस रक्षाबंधन पर..............
.....



Saturday, August 21, 2010

५९ साल पुराना कॉमेडी गीत --------वाह !!!

५९ साल पुराना (१९५१) कॉमेडी गीत --------वाह !!!क्या खूब डांस है ........मत कहना हँसी नहीं आई ......


साथ ही एक गीत १९६९ का

Sunday, August 15, 2010

आज "वंदे मातरम" और "जन गण मन" --------

 स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं------------------------खड़े होकर सम्मान दें----------
वंदे मातरम---

जन गण मन---

Thursday, August 12, 2010

देशभक्ति गीत ----"देश नहीं ऐसा अन्यत्र" -----अर्चना चावजी

आइए आज गुणगान करें अपने देश भारत का और मेरे साथ गाएं  -----     वन्दे भारती 
 
"देश नहीं ऐसा अन्यत्र"   

(चित्र गूगल से साभार )


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गीत किसने लिखा है मुझे नहीं पता पर हम इसे गाते है आभार इसके कवि का -----

Tuesday, August 10, 2010

" मेरे प्यारे वतन " ---डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" जी की एक देशभक्ति रचना

आइये आज से मनाइए स्वतंत्रता पर्व ----- मेरी आवाज में सुनिए डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" जी की एक देशभक्ति रचना------        

                                                        "मेरे प्यारे   वतन "